(रशीद क़ुरैशी)
महोबा जिले में निर्माण कार्यों के भुगतान में ठेकेदारों और बाबुओं की मिलीभगत से एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है। नगर पंचायत, नगर पालिका, और विकास खंड स्तर पर चल रहे निर्माण कार्यों में फर्जी रॉयल्टी प्रपत्रों का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2017, 2018, और 2019 में उपयोग हो चुके एमएम 11 रॉयल्टी प्रपत्रों को खनिज माफिया फिर से एडिट कर, ठेकेदारों को 70 रुपये से 150 रुपये से अधिक की कीमतों पर बेच रहे हैं। इन फर्जी प्रपत्रों का इस्तेमाल करके ठेकेदार आसानी से निर्माण कार्यों का भुगतान प्राप्त कर रहे हैं, जिससे राज्य के राजस्व को भारी क्षति हो रही है।
इस फर्जीवाड़े में विभागीय बाबुओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है, जो ठेकेदारों के साथ मिलकर इन फर्जी प्रपत्रों को वैध रूप में पेश कर सरकारी धन का दोहन कर रहे हैं। नगर पंचायत और विकास खंड स्तर पर बड़े पैमाने पर इन फर्जी रॉयल्टी प्रपत्रों का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है।
अगर खनिज विभाग इन रॉयल्टी प्रपत्रों की निष्पक्ष जांच करे, तो इस घोटाले का खुलासा हो सकता है और सरकार को हो रही करोड़ों की राजस्व क्षति पर लगाम लगाई जा सकती है। यह घोटाला न केवल महोबा जिले तक सीमित है, बल्कि राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है।