महोबा का होटल विनायक बना अपराधियों की सुरक्षित पनाहगाह, बलात्कार जैसे घिनौने अपराधों का अड्डा—कब होगी इस पर प्रशासन की कड़ी कार्रवाई?


(रशीद क़ुरैशी)
महोबा में अपराध का गढ़ बना चरखारी बाईपास के पास स्थित होटल विनायक इसका एक प्रमुख उदाहरण बन चुका है, जहां अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और यह जगह उनकी शरण स्थली के रूप में उभर रही है। इसी 4 सितंबर को, एक दलित छात्रा के साथ बलात्कार की घिनौनी वारदात यहीं पर अंजाम दी गई, जिसपर पीड़ित परिवार द्वारा पुलिस को शिकायत पत्र देकर में स्पष्ट रूप से होटल विनायकन का नाम जोड़ा गया है।

इस घटना ने जहां पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। होटल विनायक जैसे प्रतिष्ठान, जहां कानून और व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, अब अपराधियों के छिपने और अपराधों को अंजाम देने का एक ठिकाना बन चुके हैं। यह होटल केवल एक घटना का केंद्र नहीं है, बल्कि सूत्रों की माने तो लंबे समय से संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त है, जो कि एक गंभीर समस्या का प्रतीक है।

कही न कही अब जिला प्रशासन को इन होटलों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के साथ महज जुर्माना या चेतावनी न देकर बल्कि इनके लाइसेंस रद्द करके इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी है। इन होटलों पर प्रशासन की बड़ी कार्यवाही न केवल अपराधियों के हौसले पस्त करेगी, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देगी कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।

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