(रशीद क़ुरैशी)
जनपद महोबा के चरखारी थाना क्षेत्र में तीन दिन पूर्व व्यापारी की निर्मम हत्या से इलाके में हड़कंप मच गया है। इस हत्याकांड को लेकर पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस ने घटना को हत्या के रूप में दर्ज करने के बजाय गैर इरादतन हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया है, जिससे स्थानीय जनता और व्यापारियों में गहरा आक्रोश है।
इस मामले में भाजपा विधायक ब्रजभूषण राजपूत ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार से मुलाकात की और एक शिकायत पत्र सौंपा। विधायक राजपूत ने थाना प्रभारी गणेश गुप्ता और सीओ रविकांत गौड़ पर आरोप लगाया कि उन्होंने हत्यारों को संरक्षण दिया और हत्या की वारदात को हल्के में लेते हुए सही धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं किया। उन्होंने पुलिस पर निष्पक्ष जांच में लापरवाही बरतने और दोषियों को बचाने की साजिश का भी आरोप लगाया।
विधायक राजपूत ने कहा कि पुलिस द्वारा हत्या के गंभीर मामले में गैर इरादतन हत्या के तहत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जो बेहद आपत्तिजनक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि थाना प्रभारी और सीओ ने हत्यारोपियों को संरक्षण दिया, जिससे वे अब तक फरार हैं। इस रवैये से न केवल व्यापारी समुदाय में, बल्कि आम जनता में भी पुलिस के प्रति गहरी नाराजगी है।
विधायक ब्रजभूषण राजपूत ने डीजीपी से मिलकर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि यदि सही धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, तो पीड़ित परिवार और व्यापारी समाज को न्याय नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो जनता में आक्रोश और बढ़ेगा, जिससे जिले की कानून-व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
इस घटनाक्रम के बाद महोबा में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि पुलिस की लापरवाही और निष्क्रियता ने इस हत्याकांड को और अधिक पेचीदा बना दिया है। अब देखना होगा कि पुलिस उच्चाधिकारियों की निगरानी में इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और हत्यारोपियों को कब तक गिरफ्तार कर न्याय दिलाती है।