(रशीद क़ुरैशी)
महोबा जिले के कबरई कस्बे में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) द्वारा मानक-विहीन तरीके से गैस पाइपलाइन बिछाने का कार्य जारी है, जिससे यहां के नागरिकों की सुरक्षा पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। इस कार्य में मानकों की अनदेखी और माननीय के संरक्षण के चलते कस्बे की सड़कें खुदाई के कारण बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई हैं, जिससे लोगों को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
खास बात यह है कि नगर पंचायत कबरई के अधिकारियों की अनुमति के बिना ही इन सड़कों की खुदाई की जा रही है। इतना ही नहीं, अग्नि-शमन विभाग की एनओसी के बिना ही कुछ क्षेत्रों में गैस की आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है, जिससे स्थानीय लोगों की जान को खतरा बढ़ गया है। इसके बावजूद माननीय इस अवैध कार्य को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे संदेह होता है कि कहीं न कहीं एक मोटी रकम ने उन्हें चुप करा दिया है।
सामने आई जानकारी के अनुसार, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के ठेकेदार और नगर पंचायत अध्यक्ष के बीच साठगांठ की बात भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि नगर पंचायत अध्यक्ष के लेटर पर ही पाइपलाइन बिछाने की अनुमति दी गई थी, जो कि नियमों के खिलाफ थी। इस पर दिल्ली स्थित अधिकारियों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इस अनुमति को रद्द कर दिया है।
इस मामले में दिल्ली के इंद्रप्रस्थ गैस के अधिकारियों ने जब ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे मानक-विहीन कार्यों पर ध्यान दिया, तो पाया कि एरिया मैनेजर और ठेकेदारों ने बिना अधिशासी अधिकारी की अनुमति के ही पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया था और गैस की आपूर्ति भी शुरू कर दी थी। यह कार्य उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव राजीव कुमार द्वारा 30 मई 2018 को जारी निर्देशों के खिलाफ है, जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि पाइपलाइन बिछाने से पहले ग्रीन गैस कंपनी को वार्डवार मानचित्र और स्थलों का विवरण प्रस्तुत करना होगा।
अब जब यह मामला उजागर हुआ है, तो कंपनी ने ठेकेदारों को निर्देश दिया है कि वे नगर पंचायत कबरई से अनुमति लेकर उसे दिल्ली भेजें। इस निर्देश के बाद ठेकेदार अब अनुमति की फाइल के साथ नगर पंचायत के चक्कर काट रहे हैं।