(रशीद क़ुरैशी)
महोबा जिले में मानकों का उल्लंघन करते हुए संचालित हो रहे कोचिंग सेंटरों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।देश -प्रदेश ह्रदयविदारक हादसों के बावजूद, इन अवैध कोचिंग सेंटरों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही न होना जिम्मेदार अधिकारियों की लचर और भ्रष्ट कार्यशैली को उजागर करता है।
महोबा जिले में भारी मात्रा में कोचिंग सेंटरों का संचालन हो रहा है, जिनमें अधिकांश अवैध रूप से और बिना किसी मानक का पालन किए काम कर रहे हैं। इन कोचिंग सेंटरों के संचालनकर्ता बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, क्योंकि वे सरकारी गाइडलाइंस और सुरक्षा मानकों को ठेंगा दिखाते हुए अपनी मर्जी से कोचिंग चला रहे हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक विभाग के आंकड़ों के अनुसार, महोबा में केवल 15 कोचिंग सेंटर ही रजिस्टर्ड हैं। इसके विपरीत, सैकड़ों की तादाद में अवैध कोचिंग सेंटर बेखौफ चल रहे हैं। विशेषकर शहर के रामकथा मार्ग पर, जहां विभाग में रजिस्टर्ड केवल 10 कोचिंग सेंटर हैं, मगर दिल्ली के मुखर्जी नगर और कानपुर के काकादेव की तर्ज पर भारी मात्रा में कोचिंग सेंटरों का संचालन जारी है, मगर यहाँ पढ़ाई करने आने बाले बच्चों की जान को जोखिम में डलवाकर यहां के संचालनकर्ता मानकविहीन कोचिंग चला रहे हैं
जिले के अन्य हिस्सों में भी स्थिति गंभीर है। कुलपहाड़ में तीन, फतेहपुर बजरिया में एक, और रामकथा मार्ग में 10 रजिस्टर्ड कोचिंग सेंटरों के बावजूद, घर-घर अवैध कोचिंग सेंटरों का संचालन हो रहा है। यह स्थिति जिम्मेदार अधिकारियों की गंभीर लापरवाही को दर्शाती है और किसी बड़ी अनहोनी को दावत दे रही है।