(रशीद क़ुरैशी)
महोबा जिले में धार्मिक और समाजसेवी के रूप में अपनी छवि दिखाकर अवैध कार्य करने वाले भूमाफियाओं ने सरकारी भूमि पर कब्जा जमाने और नॉनजेडए की भूमि की अवैध बिक्री कर प्रशासन और राजस्व को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि भूमाफियाओं के खिलाफ कई शिकायतें की गई हैं, जिन पर प्रशासन ने कार्यवाही भी की है, लेकिन उनके अवैध कार्य बदस्तूर जारी हैं।
इन भूमाफियाओं ने धार्मिक और सामाजिक कार्यों में सक्रियता दिखाकर समाज में अपनी छवि सुधारने का प्रयास किया है। वे किसी भी धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम में सबसे पहले पहुँचकर फोटो खिंचवाते हैं और ऐसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी लेते हैं ताकि उनके काले कारनामे छुप सकें। इनका उद्देश्य समाज में अपने असली चेहरे को छुपाकर अपनी अवैध गतिविधियों को जारी रखना है।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ये भूमाफिया अपने धार्मिक और समाजसेवी चोले का इस्तेमाल कर लोगों को बरगलाते हैं और सरकारी भूमि पर कब्जा कर लेते हैं। इसके अलावा, वे नॉनजेडए की भूमि की अवैध बिक्री कर रहे हैं, जिससे रोजाना सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।
बीच में एक भूमाफिया ने महोबा से सदर के लिए अपनी दावेदारी भी पेश की थी, लेकिन चुनाव ना होने पर उनके अरमानों पर पानी फिर गया। शहर के जागरूक नागरिकों ने जिला प्रशासन का ध्यान इस गंभीर मामले की ओर आकर्षित करते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त जांच और कार्यवाही की मांग की है।
ऐसा नहीं कि जिलाप्रशासन ने पूर्व की शिकायतों पर गौर नहीं किया कार्यवाही की गयी, लेकिन भूमाफियाओं के गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए एक गोपनीय और विस्तृत जांच की आवश्यकता है। अगर इनकी गहन जांच हो जाए तो कई चेहरों से नकाब हटेगा और समाज के सामने उनकी सच्चाई आएगी।
महोबा के जागरूक नागरिकों का मानना है कि प्रशासन को इन भूमाफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जिले में अवैध कब्जों और भूमि बिक्री पर अंकुश लगाया जा सके और सरकारी राजस्व को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। प्रशासन की सख्ती ही ऐसे भूमाफियाओं पर लगाम लगा सकती है और महोबा को इन अवैध गतिविधियों से मुक्त कर सकती है।