सीमा पटनाहा सिंह की पहल पर महोबा ज़िले के सभी किसानों के लिए ख़रीफ़ 2022, रवि 2022-23 एवं ख़रीफ़ 2023 के नुकसान की बीमा फसल राशि तत्काल भुगतान करने का उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आदेश जारी किया

(रशीद क़ुरैशी)

– महोबा से लगभग 612 करोड़ रुपये बीमा कंपनियों के पास किसानों से बतौर फसल बीमा के प्रीमियम के रूप जमा हुआ था

– हमीरपुर के लिए 13 नवंबर तथा महोबा के लिए 24 नवंबर को दोनों जिलो के लिए सीमा पटनाहा सिंह की पहल पर ही आदेश जारी हुआ है ।

-कुछ दिन पहले ही किसानों के पक्ष से ज़िलाधिकारी महोबा को नोटिस जारी किया था, तथा कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार को भी प्रतिलिपि भेजी थी।

-निदेशक, कृषि सांख्यिकी एवम् फसल बीमा कृषि भवन, लखनऊ उत्तर प्रदेश ने सीमा पटनाहा सिंह पत्र पर सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आदेश जारी किया

– निदेशक के आदेश से स्पष्ट है कि ख़रीफ़ 2023 तक की क्षतिपूर्ति राशि बीमा कंपनियों को सरकार दे चुकी है, बीमा कंपनियाँ ही देरी कर रही है।

जैसा कि ज्ञात हो 5 नवंबर 2023 तथा बतौर रिमाइंडर 16 नवंबर को दोबारा ब्रह्मानन्द महाविद्यालय राठ हमीरपुर से रिटायर प्रोफ़ेसर मदन मोहन राजपूत की पुत्रवधू, महोबा निवासी सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट सीमा पटनाहा सिंह ने महोबा ज़िलाधिकारी को किसानों के लिए नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने किसानों को फसल बीमा की राशि ना मिलने पर नाराज़गी भी ज़ाहिर की थी, जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि फसल बीमा की बकाया राशि का तत्काल भुगतान कराया जाये, यदि ऐसा नहीं हुआ तो वो क़ानूनी कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र है।

इस पत्र को उन्होंने उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगीआदित्यनाथ जी, भारत सरकार के कृषि मंत्री तथा उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री को भी संज्ञान में लेने एवं कार्यवाही के लिए प्रतिलिपि भेजी थी। जिस पर निदेशक, कृषि सांख्यिकी एवम् फसल बीमा कृषि भवन, लखनऊ उत्तर प्रदेश ने सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आदेश जारी किया, जिसमें 2 बीमा कंपनियों जो फसल वर्ष ख़रीफ़ 2022 से ख़रीफ़ वर्ष 2023 तक थी, उनको आदेश जारी किया कि बकाया का भुगतान तत्काल प्रभाव से किया जाय, तथा यह भी स्पष्ट किया कि ख़रीफ़ 2023 तक का राज्यांश का भुगतान सरकार पहले ही बीमा कंपनियों को कर चुकी है। इस पत्र की प्रतिलीपि उन्होंने अपर मुख्य सचिव यूपी, कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि मंत्रालय भारत सरकार को सूचनार्थ, कृषि निदेशक उत्तर प्रदेश, ज़िलाधिकारी महोबा एवं उपजिलाधिकारी महोबा को तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए भेजा है।

इस आदेश के बाद पूरे महोबा के किसानों के चेहरे खिल गये है, जिनमें बिलबई गाँव के भगवान दास विश्वकर्मा, मखनलाल सिंह, अमित सिंह, मनोज राजपूत, बछेछर- बेलताल से रणविजय राजपूत( ग्राम प्रधान) सुभाष राजपूत, महोबा से अरुण अर्जरिया, मानिक चंद्र राजपूत से बात करने पर सभी ने प्रसन्नता ज़ाहिर की तथा कहा कि पिछले कुछ सालों से लगातार एडवोकेट सीमा पटनाहा सिंह हमीरपुर-महोबा दोनों ज़िलों के लोगो के लिये कार्य कर रही है तथा सभी लोगों की एक आम सहमति यह भी थी कि सीमा पटनाहा सिंह ने ही पिछले साल यूरिया की कमी के समय यूरिया की आपूर्ति कराई थी, अभी पिछले समय डीएपी की कमी थी तब उसकी आपूर्ति भी कराई थी, लगातार किसानों के लिए कार्य कर रही है। अब ये फसलबीमा से फसल का मुआवज़ा जो 2 साल से रुका पड़ा था, उन्होंने इसका स्वतः संज्ञान लिया, अब उन्हें विश्वास हो गया है कि उनको मुआवज़ा राशि जल्दी ही मिल जाएगी एवं बुंदेलखंड के किसानों को सही मायनों किसानों की हिमायती है ।

सीमा पटनाह सिंह वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय नयी दिल्ली में अधिवक्ता है तथा ब्रह्मानंद महाविद्यालय राठ हमीरपुर में कार्यरत रहे एवं बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के भूतपूर्व डीन प्रोफ़ेसर मदन मोहन राजपूत की पुत्रवधू है, जो महोबा के बिलबई गाँव के निवासी है, तथा वर्तमान में वह भी कृषि कार्य करते है ।

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