बिलबई गाँव की निवासी तथा महोबा में रामनगर आवासीय सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार की अधिवक्ता सीमा पटनाहा सिंह को बार काउन्सिल ऑफ़ इंडिया की अनुशासनात्मक समिति का सदस्य बनाया गया।
क्या है बार काउन्सिल ऑफ़ इंडिया?
बार काउंसिल ऑफ इंडिया भारतीय बार असोसिएशन (अधिवक्ताओं का वैधानिक संगठन) को विनियमित करने और उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए भारतीय संसद द्वारा बनाई गई एक संवैधानिक संस्था है। बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया अधिवक्ताओं के पेशेवर आचरण और शिष्टाचार के मानकों को निर्धारित करके और बार ( राज्यों के बार काउन्सिल और एसोसिएशन) पर अनुशासनात्मक अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करके नियामक का कार्य करते हैं।
बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ( वरिष्ठ अधिवक्ता) ने उनका नाम अधिवक्ताओं के पेशेवर आचरण, शिष्टाचार के मानकों और अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के लिए नामित किया है।
ज्ञात हो कि सीमा पटनाहा सिंह बुंदेलखंड क्षेत्र सें प्रथम महिला है जिन्होंने 2 बार लगातार सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में विजय प्राप्त की तथा भारत सरकार तथा मध्यप्रदेश सरकार की तरफ़ से सर्वोच्च न्यायालय में आधिकारिक अधिवक्ता है ।
वह समय समय पर बुंदेलखंड के किसानों के लिए विभिन्न न्यायालयों में तथा अपने क्षेत्र की जनता के लिए राज्य तथा केन्द्र सरकार के समक्ष दोनों जगह आवाज़ उठाती रहती है। इसी प्रकार अब वह बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया के किसी पद पर पहुँचने वाली बुंदेलखंड क्षेत्र की प्रथम महिला हो गई है ।
सीमा पटनाहा सिंह बिलबई निवासी जेएनयू में कार्यरत डॉ रूपेन्द्र सिंह की पत्नी तथा श्रीमति ज्ञान देवी एवं मदन मोहन राजपूत की पुत्रवधू है। उनकी इस नियुक्ति से पूरा बुंदेलखंड क्षेत्र गौरवान्वित हुआ है तथा उन्होंने इसका श्रेय अपने सास-ससुर तथा अपने क्षेत्र की जनता के आशीर्वाद और शुभकामनाओं को दिया है। रामनगर निवासी तथा महोबा के अधिवक्ता अरुण कुमार अरजरिया ने कहा है की यह महोबा ही नहीं बल्कि पूरे बुंदेलखंड के अधिवक्ताओं के लिए गौरव की बात है। इस खबर से महोबा तथा अन्य जगहों के अधिवक्ता संघ ने ख़ुशी ज़ाहिर की है।