महोबा में बाहर की लिखी जा रही दवा और जाँचो के खिलाफ मनीष अपनी टीम के साथ शोसल – साइट के माध्यम से दर्ज करा रहे विरोध


(रशीद क़ुरैशी)
महोबा में सरकारी अस्पतालों की बर्बाद स्वास्थ व्यवस्थाओं पर लगाम लगाना यहाँ मगरमच्छ के दांतों की सफाई करने के बराबर है। कुकरमुत्ते की तरह अस्पतालों के बाहर खुले मेडिकल स्टोर , पैथोलॉजी लैब और अल्ट्रासाउंड – एक्सरे सेंटर भ्रसटाचार की नित नई इबारत लिख रहे हैं। और शहर के ही युवा इसपर अंकुश लगाने के लिए शोशल साइट के माध्यम से लाइव आकर सरकारी अस्पतालों में किस कदर कमीशन का खेल चल रहा है । लगातार दिखा रहे हैं मगर जिम्मेदार सिर्फ कोरा आश्वासन देकर अपनी इतिश्री कर लेते है। और कमीशन के ट्रैक पर फिर से सरकारी अस्पतालों के बाहर खुले , पैथोलॉजी लेब,मेडिकल स्टोर, एक्सरे ,अल्ट्रासाउंड सेंटर फिर से अपने कार्यो को अंजाम देने में लग जाते हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से आने बाले मरीजो का लगातार यहाँ आर्थिक शोषण किया जा रहा है। आपको बता दे
महोबा के सरकारी अस्पतालों में हो रही कमीशन खोरी के विरोध में एक महीने से मनीष त्रिपाठी शोसल साइट के माध्यम से यहाँ की भृष्ट कार्य -शैली को उजागर करने की मुहिम चलाकर लगातार अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं । मगर कोई कठोर कार्यवाही न होने से अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों द्वारा लगातार कमीशन की चाह में बाहर की दवा, खून की जाँचे और एक्सरे और अल्ट्रासाउंड की जाँचे निरन्तर लिखी जा रही हैं।

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