सागर सिंह के नेतृत्व में हुई रैलियों में देखा गया जन सैलाब
(रशीद क़ुरैशी)
एक दशक से महोबा जिले में वेंटिलेटर पर पड़ी कॉंग्रेस पार्टी को युवा नेता चौधरी सागर सिंह ऑक्सीजन देने का काम किया है। जो जग जाहिर है इनकी अगुवाई में हुई सभाएं और रैलियो में उमड़ी भीड़ इस बात की गवाही देने में कोई गुरेज नहीं कर सकती।जबसे सागर सिंह द्वारा कांग्रेस के लिए रैली की है और उसमें शामिल हुई भीड़ ने उन लोगों की जुबानों पर विराम लगाना शुरू कर दिया था कि महोबा जिले में कॉंग्रेस मानो खत्म होने बाली पार्टी बची है। और उन लोगों का कहना भी लाजमी था कि क्योंकि की पूर्व में जिला स्तर हो या तहसील स्तर के अनशन या रैलियां जिसमे महज गिने चुने 5 से 10 लोग ही पार्टी का झंडा पकड़े इकबाल बुलन्द करते देखे गए थे ।मगर जब भी सागर सिंह की अगुवाई में कोई भी रैली जिले में हुई हो चाहे कबरई की गाय बचाव , या महोबा की भाजपा गद्दी छोड़ो रैली इनमें उनके समर्थन में उमड़ा जन सैलाब ने साबित कर दिया था कि अगर नेतृत्व सही हाथों में हो और उसे सही तरीके से गाइडलाइंस किया जाए तो डूब रही नैया को पार लगाया जा सकता है।
अंतर्कलह से जूझ रही पार्टी
महोबा जिले की सबसे ज्यादा गुटबाजी बाली पार्टी अगर देखी जाए तो वह काँग्रेस पार्टी है। जिसमे इस तरह अंतर्कलह है कि खुद को सच्चा जमीनी कांग्रेसी कहने बाले एक दूसरे की सभाओं और रैलियों से नदारद रहते हैं।
प्रेसवार्ता में नदारद रहे मुस्लिम चेहरे
आज शहर के एक गेस्ट हाउस में हुई आगामी 27 नवंबर को होने बाली कांग्रेस उत्तरप्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी की प्रतिज्ञा रैली को लेकर जो प्रेसवार्ता हुई उसमे एक भी जिले का मुस्लिम कांग्रेस पार्टी का पदाधिकारी या कार्यकर्ता का नजर नहीं आना ये भी एक सवालिया निशान लगा रहा है। और जिले में कई ऐसे मुस्लिम कांग्रेसी नेता जो पार्टी के लिए समर्पित है।