नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में दो लोगों की मौत टीकाकरण से संबंधित नहीं पाई गई हैं। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के एक 52 वर्षीय व्यक्ति की टीकाकरण के एक दिन बाद कार्डियोपल्मोनरी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई, जबकि कर्नाटक के बेल्लारी निवासी 43 वर्षीय व्यक्ति की टीकाकरण के बाद कार्डियोपल्मोनरी के कारण मृत्यु हो गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में मृत्यु के दोनों मामलों को टीकाकरण से असंबंधित पाया गया है।”
भारत में 16 जनवरी को राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और मंगलवार की सुबह तक देश भर में कुल 4,54,049 लोगों को कोरोना टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, टीकाकरण के बाद 580 प्रतिकूल घटनाएं (साइड इफेक्ट्स) सामने आई हैं, जिनमें से सात लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वैक्सीन के बाद हल्के लक्षण और कई मामलों में अस्पताल में भर्ती कराए जाने की नौबत आने पर कथित तौर पर स्वास्थ्य कर्मियों के बीच वैक्सीन को लेकर एक झिझक पैदा हो गई है।
नीति आयोग के सदस्य वी. के. पॉल ने अपील की है कि कोरोना वैक्सीन को लेकर झिझक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हेल्थकेयर वर्कर्स में वैक्सीन को लेकर पैदा हुई हिचकिचाहट समाप्त होनी चाहिए। हम फिर महामारी से कैसे लड़ेंगे? वैक्सीन की हिचकिचाहट समाप्त होनी ही चाहिए, इससे पहले कि महामारी हमें समाप्त कर दे।”
उन्होंने आश्वस्त किया कि वैक्सीन लेने के बाद अब तक कोई भी गंभीर समस्याएं सामने नहीं आई हैं, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। पॉल ने कहा कि उन्होंने खुद दिल्ली के एम्स में टीकाकरण के पहले दिन टीका लगवाया है, उन्हें किसी भी प्रकार के साइड-इफेक्ट्स नहीं हुए हैं।